वर्क हिस्ट्री और एक्सपीरिएंस सेक्शन के तहत स्वीकारात्मक और सकारात्मक भाषा का प्रयोग करें जैसे डेवलप्ड, ऑर्गनाइज्ड या एचीव्ड। कोशिश करें कि जॉब में आपकी जो भूमिका होगी, उसके अनुरूप अपनी स्किल्स को संबंधित कर लिखें। पूर्व में आप द्वारा हासिल की गई मूल्यवान स्किल्स और अनुभव पर आपके संभावित नियोक्ता की गहरी नजर रहती है।
रेफरेंस जरूरी
यदि आपने पहले कहीं जॉब की है तो उसके नियोक्ता का रेफरेंस अपने सीवी में जरूर दें। यह आपकी स्किल्स और अनुभवों के गवाह के तौर पर काम करेगा। यदि आपने पहले जॉब नहीं की है तो आप अपने अध्यापक, ट्यूटर या ऐसे सम्मानित व्यक्ति का रेफरेंस दें, जो आपके विषय में बेहतर राय रखते हों। ऐसे कम से कम दो लोगों का रेफरेंस अवश्य दें।
अपने सीवी को रखें अपडेट
यह जरूरी है कि आप अपने सीवी की निरंतर समीक्षा करते रहें और उसमें अपनी नई स्किल्स या अनुभव, जिन्हें आप पहले लिखना भूल गए हों, अपडेट करते रहें। यदि आप ने हाल ही में कोई स्वयंसेवी कार्य या किसी नए प्रोजेक्ट पर काम किया हो तो यह निश्चित करें कि यह सब जानकारियां आपके सीवी में शामिल हों। नियोक्ता उन उम्मीदवारों से प्रभावित होते हैं, जो अपनी स्किल्स को बढ़ाने के लिए कुछ अतिरिक्त करते रहते हैं।
शोध और नतीजे
कर्वंरग लैटर यानी फस्र्ट इम्प्रेशन
आपका सीवी बेहतर हो, यह तो जरूरी है ही, पर साथ लगा कर्वंरग लेटर अच्छा प्रभाव नहीं छोड़ पाया तो सारी मेहनत बेकार हो जाती है, इसलिए आपका कवरिंग लेटर भी कुछ इस तरह का होना चाहिए कि लाखों एप्लीकेशन्स के बीच अलग नजर आए।-कवरिंग लेटर इस तरह से तैयार करें, जो आपकी खूबियों और विशेषताओं को उजागर करता हो, साथ ही वह आपको दूसरों से बेहतर कैंडिडेट बनाता हो।
-कवरिंग लेटर उस संस्थान के निर्णायक व्यक्ति को संबोधित करते हुए बनाएं। इसके लिए कंपनी में फोन करके सही व्यक्ति का नाम पूछ लें और उसी के नाम लेटर बनाएं।
-लेटर को सिंपल और सादा बनाने की कोशिश करें। लेटर आधे पेज से ज्यादा न बनाएं। उसमें प्रोफेशनल व सटीक शब्दों का इस्तेमाल करें।
-लेटर का इम्प्रेशन भी उसकी भाषा जैसा ही हो। पेपर एकदम साफ और क्रिस्पी होना चाहिए। रिज्यूमे व लेटर के लिखने का स्टाइल मैच करना चाहिए।
-लेटर इसलिए तैयार किया जाता है, ताकि आप अपनी बातें आसानी से निर्णायक व्यक्ति तक पहुंचा सकें। इसलिए उसे एक बोर इंट्रो देकर बेकार न करें, बल्कि जानकारी दें।
-दरअसल कवरिंग लेटर यह दिखाने के लिए होता है कि कैसे आप कंपनी के लिए प्रॉफिटेबल हो सकते हैं और कैसे आपकी खूबियां उनके लिए फायदेमंद हो सकती हैं, बजाय इसके कि आपने अपने भूतकाल में क्या किया था।
-लेटर में कुछ भी गलत नहीं होना चाहिए। इससे आपके एम्प्लॉयर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ध्यान दें कि उसमें व्याकरण और वर्तनी की किसी तरह की कोई गलती न हो। इसके लिए एक अच्छे प्रूफरीडर की भी मदद ले सकते हैं।
-इंटरव्यू के समय आप अपनी किसी भी कमजोरी और गलती को छुपाने में कामयाब नहीं हो पाएंगे, इसलिए लेटर में अपनी काबिलियत से ज्यादा कुछ भी बयां न करें। इसके अलावा अपने पुराने एम्प्लॉयर के बारे में कुछ गलत न बोलें।



































































































